M.A History 2nd Semester
Agrarian Economy of Ancient India
Paper-2 - Hindi Medium
Time Allowed: Three Hours] [Maximum Marks: 80
(हिन्दी माध्यम)
Note: (1) Attempt five questions in all.
(2) Question No. I is compulsory.
(3) Attempt at least one question from each Unit.
I. कोई दस प्रश्न करो। हरेक प्रश्न का उत्तर 25-30 शब्दों में दो :
(1) स्थायी कृषि पद को परिभाषित करो।
(2) अर्थशास्त्र में प्रस्तुत सिंचाई के दो स्रोतों का वर्णन करो।
(3) आपका फसल पैटर्न से क्या अभिप्राय है ?
(4) कृषि की दो प्रक्रियाओं का उल्लेख करो।
(5) भूमि का दाता पद को परिभाषित करो।
(6) खाइला भूमि क्या है ?
(7) सीता भूमि को परिभाषित करो।
(8) आश्रित किसानी अवधारणा को परिभाषित करो।
(9) विस्ति क्या है?
(10) आपका अग्रहर भूमि अनुदान से क्या अभिप्राय है?
(11) डी. डी. कोसंभी के सिद्धान्त 'ऊपर' से सामंतवाद की व्याख्या करो।
(12) पूर्वकालीन भारत में कराधान में राहत किसे प्रदान की गई थी ?
(13) आपका गहपति पद से क्या अभिप्राय है?
(14) ताम्रपत्र के चार्टर क्या हैं?
(15) उदगभाग पद को परिभाषित करो।
यूनिट-I
II. पूर्वकालीन भारत में काँसा और लोहा आधारित कृषि के लक्षणों की समीक्षा करो।
III. साहित्यिक स्रोतों में प्रदर्शित कृषि तकनीकों पर चर्चा करो।
यूनिट-II
IV. क्या पूर्वकालीन भारत में कोई भूमि की शाही मालिकी मौजूद थी? उपयुक्त स्रोतों के हवाले से व्याख्या करो।
v. सीमा के झगड़ों के मुख्य कारणों पर चर्चा करो। सीमा के झगड़ों का निपटारा कैसे किया जाता था?
यूनिट-III
VI. पूर्व मध्यकालीन भारत में दाताओं और आदाताओं के दरमियान सामाजिक और आर्थिक संबंध की व्याख्या करो।
VII. पूर्व मध्यकालीन भारत में किसानों की स्तरीकरण प्रक्रिया में रूपांतरण की अवस्थाओं पर चर्चा करो।
यूनिट-IV
VIII. भारतीय सामंतवाद क्या है? इसके विभिन्न सिद्धान्तों पर चर्चा करो।
IX. आपका सामंती अर्थव्यवस्था से क्या अभिप्राय है? इसकी विशेषताओं पर चर्चा करो।
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