B.A. - B.Sc. (General) 1st Semester Examination
Sanskrit Elective
Paper: Katha, Niti Evam vyakarana
Time: 3 Hours] [Max. Marks: 90
नोट :- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न के सभी उपभागों का उत्तर एक साथ दीजिए। शुद्ध शब्द-जोड़ एवं सुलेख का विशेष ध्यान रखें।
1. अधोलिखित गद्यांशों में से किसी एक का प्रसंग सहित अनुवाद कीजिए:
(क) तथानुष्ठिते किञ्चिन्मार्गं गत्वा तेषां ज्येष्ठतरः प्राह-“अहो अस्माकं चतुर्थो मूढः केवलं बुद्धिमान्। न च राजप्रतिग्रहो बुद्ध्या लभ्यते, विद्यां विना। तन्नास्मै स्वोपार्जितं दास्यामि। तद् गच्छतु गृहम्।" ततस्तृतीयेनाभिहितम् “अहो, न युज्यते एवं कर्तुं यतो वयं बाल्यात्प्रभृत्येकत्र क्रीडितः।"
(ख) एवं क्रमेण गच्छन्तोऽवती प्राप्ताः, तत्र क्षिप्राजले कृतस्नाना महाकालं प्रणम्य यावन्निर्गच्छन्ति तावद् भैरवानन्दो नाम योगी सम्मुखो बभूव। ततस्तं ब्राह्मणोचितविधिना सम्भाव्य, तेनैव सह तस्य मठं जग्मुः। अथ तेन पृष्टा-क्तो भवन्तः समायातः ? क्व यास्यथ ? किं प्रयोजनम् ?
(ग) अस्ति दक्षिणात्ये जनपदे पाटलिपुत्रं नाम नगरम्। तत्र मणिभद्रो नाम श्रेष्ठी प्रतिवसतिस्म। तस्य च धर्मार्थकाममोक्ष कर्माणि कुर्वतो विधिवशाद्धनक्षयः सञ्जातः। ततो विभवक्षयादपमानपरम्परया परं विषादं गतः। अथाऽन्यदा रात्रौ सुप्तश्चिन्तितवान्-"अहो धिगियं दरिद्रता!"
2. निम्नलिखित में से किन्हीं दो भागों की प्रसंग एवं अनुवाद सहित व्याख्या कीजिए:
(क) जीर्यन्ते जीर्यतः केशा दन्ता जीर्यन्ति जीर्यतः।
चक्षु-श्रोत्रे च जीर्यते, तृष्णैका तरूणायते॥
(ख) अपरोक्ष्य न कर्त्तव्यं सुपरीक्षितम् एव कर्त्तव्यं पश्चाद् भवति सन्तापः।
(ग) एवं च भाषते लोकश्चन्दनं किल शीतलम्।
पुत्र-गात्रस्य संस्पर्शश्चन्दनादतिरिच्यते॥
(घ) अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्।
उदार-चरितानान्तु वसुधैव कुटम्बकम्॥
3. "सिंहकारक मूर्ख ब्राह्मण-कथा" अथवा "ब्राह्मण-नकुल-कथा" का सार एवं उद्देश्य अपने शब्दों में लिखिए।
4. (क) निम्नलिखित में से किन्हीं दो श्लोकों की प्रसंग एवं अनुवाद सहित व्याख्या कीजिए :
(i) जाड्यं धियो हरति, सिञ्चति वाचि सत्यम्,
मानोन्नतिं दिशति पापमपाकरोति।
चेतः प्रसादयति दिक्षु तनोति कीर्ति,
सत्संगति कथय किं न करोति पुंसाम्॥
(ii) येषां न विद्या न तपो न दानं, ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः।
ते मर्त्यलोके भुनि भारभूता, मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति ॥
(iii) अज्ञः सुखमाराध्यः सुखतरमागराध्यते विशेषज्ञः।
ज्ञानलव दुर्विदग्धं ब्रह्मऽपति तं नरं न रञ्जयति ॥
(iv) जयन्ति ते सुकृतिनो रससिद्धाः कवीश्वराः।
नास्ति येषां यशः काये जरामरणजं भयम्॥
(ख) किसी एक उद्धरण की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
(i) विद्याविहीनः पशुः।
(ii) न तु प्रतिनिविष्टमुर्खजन चित्तमाराध्येत्।
(iii) विवेकभ्रष्टानां भवति, विनिपातः शतमुखः।
5. किन्हीं दस व्यावहारिक शब्दों को संस्कृत/हिन्दी में लिखिए :
कान, जीभ, पेट, अमरूद, अंगूर, खजूर, करेला, गोभी, पालक, शलगम, शाकः, पलाण्डुः, कर्कटी, खर्बुजम्, भ्रूः, जानुः, काजवम्, आम्रम, ग्रीवा, मणिबन्धः।
6. (क) निम्नांकित में से किन्हीं चार वर्णों का उच्चारण स्थान बताइए :
हृ, ऊ, ज्, ष, न्, ए, औ, क्।
(ख) किन्हीं पाँच अव्ययों का अर्थ बताकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
अत्र, कुत्र, एकत्र, सर्वत्र, कुतः, सदा, यथा।
(ग) किन्हीं पाँच गणनावाची अंकों को संस्कृत में लिखिए :
6, 11, 16, 22, 26, 33, 39, 40, 46, 50
7. (क) भारतीय पंचांग के अनुसार 'वार' अथवा 'नक्षत्रों' के नाम लिखिए।
(ख) फल अथवा नदी शब्द के सभी विभक्तियों में रूप लिखिए।
(ग) अधोलिखित में से किन्हीं दो धातुओं के यथानिर्दिष्ट रूप लिखिए :
पठ्-लट् लकार, पत्-लोट् लकार, गम्-लृट् लकार, वद्-लङ् लकार।
8. (क) किन्हीं पाँच की सन्धि/सन्धिच्छेद कीजिए :
प्र + एजते, देवे + अपि, विद्या + अर्थी, गण + ईशः, महा + ऋषिः।
(ख) किन्हीं पाँच वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए :
(i) हम दो खेलते हैं।
(ii) छात्र कालेज को जाता है।
(iii) दिनेश कहाँ रहता है ?
(iv) बालक गेंद से खेलते हैं।
(v) गीता गांव को पैदल जाती है।
(vi) भगवान् सब जगह हैं।
(vii) हम यहाँ आनन्द से रहते हैं।
(viii) वे सब फूलों को देखते हैं।
(ix) तुम दोनों भोजन खाते हो।
(x) हम हरिद्वार जाएँगे।
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